Mohan Bhagwat ने भारत में घटती जनसंख्या दर को लेकर की चिंता व्यक्त..
मोहन भागवत ने बिना किसी विशेष समुदाय का नाम लिए कहा कि यदि समाज की जनसंख्या वृद्धि दर 2.1 प्रतिशत से नीचे चली जाती है, तो उस समाज के अस्तित्व को खतरा हो सकता है। इसलिए उन्होंने तीन बच्चों को जन्म देने की आवश्यकता पर जोर दिया।
जनजागरुकता डेस्क। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने परिवार की महत्ता पर जोर देते हुए, भारत (India) में घटती जनसंख्या दर को लेकर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने बिना किसी विशेष समुदाय का नाम लिए कहा कि यदि समाज की जनसंख्या वृद्धि दर 2.1 प्रतिशत से नीचे चली जाती है, तो उस समाज के अस्तित्व को खतरा हो सकता है। इसलिए उन्होंने तीन बच्चों को जन्म देने की आवश्यकता पर जोर दिया।
नागपुर (Nagpur) में रविवार को 'कथाले कुल सम्मेलन' को संबोधित करते हुए मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने कहा, "परिवार समाज की आधारभूत इकाई है, और इसे बनाए रखना जरूरी है। 1998 या 2002 के आसपास निर्धारित की गई देश की जनसंख्या नीति के अनुसार, जनसंख्या वृद्धि दर को 2.1 प्रतिशत से नीचे नहीं जाना चाहिए। जनसंख्या विज्ञान के मुताबिक, समाज के अस्तित्व के लिए कम से कम तीन बच्चों का होना आवश्यक है।"
गौरतलब है कि इस वर्ष भारत ने जनसंख्या के मामले में चीन को पीछे छोड़कर विश्व में पहला स्थान हासिल कर लिया है। हालांकि, भारत में हिंदुओं की जनसंख्या दर में गिरावट दर्ज की गई है। पिछली जनगणना में हिंदू आबादी का प्रतिशत 80 था, जो अब घटकर 78.9 प्रतिशत रह गया है, जबकि मुस्लिम जनसंख्या की वृद्धि दर में इजाफा हुआ है। वर्तमान में भारत में करीब 1.094 अरब हिंदू हैं, और वैश्विक स्तर पर 95 प्रतिशत हिंदू भारत में ही रहते हैं।
मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) से पहले, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने भी जनसंख्या स्थिरता बनाए रखने के लिए दो से अधिक बच्चों को जन्म देने की अपील की थी।