ट्रेनें रद्द करने का विरोध, नागरिक सुरक्षा मंच ने किया रेलवे जोन कार्यालय का घेराव, दिया अल्टीमेटम
प्रबंधन से रद्द ट्रेनों को जल्द शुरू करने की मांग करते हुए 1 सप्ताह का अल्टीमेटम दिया।
बिलासपुर, जनजागरुकता। यात्री ट्रेनों को रद्द किए जाने से छत्तीसगढ़ में लगातार परेशानियां बढ़ती जा रही है। रेलवे के इस निर्णय के विरोध में नागरिक सुरक्षा मंच ने बुधवार को रेलवे जोन कार्यालय का घेराव कर दिया।
इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे (दपूमरे) के विरोध में नारे लगाए। उन्होंने प्रबंधन से रद्द ट्रेनों को जल्द शुरू करने की मांग करते हुए 1 सप्ताह का अल्टीमेटम दिया। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि ऐसा न होने पर रेल रोकी जाएगी।
बता दें कि कोरोना के बाद से दपूमरे की ट्रेनें लगातार रद्द की जा रही हैं। वर्तमान में भी 58 ट्रेनें 21 सितंबर से 1 अक्टूबर तक के लिए रद्द कर दी गई हैं, जिसे लेकर स्थानीय नागरिकों और जनप्रतिनिधियों का गुस्सा फूट पड़ा। इसी मुद्दे पर बुधवार को नागरिक सुरक्षा मंच के मार्गदर्शन में नागरिकों ने रेलवे जीएम ऑफिस का घेराव किया।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि कोरोना काल से ही अधिकांश ट्रेनें बंद हैं, लेकिन उसके बाद भी यात्री ट्रेनें सुचारू रूप से संचालित नहीं हो पाई हैं। आरोप है कि ऐसा सिर्फ देश के सबसे कमाऊ मंडल बिलासपुर के साथ ही किया जा रहा है। नागरिक सुरक्षा मंच ने इसे छत्तीसगढ़ की जनता के साथ अन्याय बताते हुए जोन कार्यालय के समक्ष जमकर नारेबाजी की।
इसके लिए केंद्र सरकार को दोषी ठहराया। नागरिक सुरक्षा मंच के धरना प्रदर्शन के मद्देनजर जोन कार्यालय के गेट बंद कर दिए गए थे। करीब 1 घंटे तक यहां आंदोलनकारी नारेबाजी करते रहे, जिसके बाद एक प्रतिनिधिमंडल ने रेल अधिकारियों से मुलाकात की और उन्हें एक सप्ताह का अल्टीमेटम देते हुए सभी यात्री ट्रेनें बहाल करने की मांग की।