रूस एक बार फिर चांद की ओर, लूनर मिशन लूना-25 लॉन्च, इसरो ने दी बधाई

इसरो ने रूसी अंतरिक्ष एजेंसी को बधाई दी। इसरो ने यह भी कामना की कि चंद्रयान-3 और लूना-25 दोनों मिशन अपने लक्ष्य हासिल करें।

रूस एक बार फिर चांद की ओर, लूनर मिशन लूना-25 लॉन्च, इसरो ने दी बधाई

नई दिल्ली, जनजागरूकता डेस्क। रूस ने 47 साल बाद एक बार फिर चांद की ओर कदम बढ़ाया है। भारत के बाद अब रूस ने भी लूनर मिशन लूना-25 लॉन्च कर दिया है। मॉस्को से करीब 5500 किलोमीटर पूर्व में स्थित अमूर ओब्लास्ट के वोस्तोनी कॉस्मोड्रोम से लूना-25 की लॉन्चिंग की गई। इससे पहले रोस्कोस्मोस ने साल 1976 में लूना-24 को लॉन्च किया था। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने रूसी अंतरिक्ष एजेंसी को बधाई दी।

चंद्रयान-3 से पहले रूस का लूना-25 चांद पर रखेगा कदम

कहा जा रहा है कि भारत के चंद्रयान-3 से पहले रूस का लूना-25 चांद पर कदम रखेगा। लूना-25 को सोयुज 2.1 बी रॉकेट में चांद पर भेजा गया है। इसे लूना-ग्लोब मिशन का नाम दिया गया है। रॉकेट की लंबाई करीब 46.3 मीटर है, वहीं इसका व्यास 10.3 मीटर है। पांच दिनों तक यह चांद की तरफ बढ़ेगा। इसके बाद 313 टन वजनी रॉकेट 7-10 दिनों तक चांद का चक्कर लगाएगा। उम्मीद है कि 21 या 22 अगस्त को यह चांद की सतह पर पहुंच जाएगा।

लूना-25 पत्थर और मिट्टी के सैंपल जमा करेगा

लूना-25 में रोवर और लैंडर हैं। इसका लैंडर करीब 800 किलो का है। लूना-25 सॉफ्ट लैंडिंग की प्रैक्टिस करेगा। लैंडर में एक खास यंत्र है, जो सतह की छह इंच की खुदाई करेगा। लूना- 25 पत्थर और मिट्टी के सैंपल जमा करेगा। इससे जमे हुए पानी की खोज हो सकती है। रूस का मकसद है कि भविष्य में जब भी इंसान चांद पर अपना बेस बनाए तो उसके लिए पानी की समस्या न हो।

इसरो ने दी रूसी अंतरिक्ष एजेंसी को बधाई

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने रूसी अंतरिक्ष एजेंसी को बधाई दी। इसरो ने यह भी कामना की कि चंद्रयान-3 और लूना-25 दोनों मिशन अपने लक्ष्य हासिल करें।

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