कांग्रेस में दिल्ली तक सरगर्मी : नवरात्र में बदल जाएंगे राजस्थान के सीएम, सरकार के मंत्री का दावा
प्रदेश सरकार में ग्रामीण विकास राज्य मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने सचिन पायलट को सीएम के लिए सबसे बेहतर चेहरा बताया।
जयपुर, जनजागरुकता डेस्क। नवरात्रि में राजस्थान के कांग्रेस सरकार में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। इसे लेकर कांग्रेस पार्टी में जयपुर से लेकर दिल्ली तक सियासी सरगर्मी बढ़ गई है। गहलोत सरकार के मंत्री ने इस बात का दावा किया है। ऐसे देखा जाए तो प्रदेश की सियासत हर पल बदल रही है।
इसका कयास इसलिए पुख्ता नजर आ रहा है कि कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होना है। इसकी तैयारी लगभग पूरी हो गई है। सीएम अशोक गहलोत 28 सितंबर को नामांकन भर सकते हैं। उनकी दावेदारी पेश करने की घोषणा के बाद से राजस्थान के नए सीएम को लेकर चर्चा जोरों पर है। इसलिए पार्टी में दिल्ली तक सियासी सरगर्मी बढ़ गई है।
दूसरी ओर सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट गुट के विधायकों ने समर्थन में अलग-अलग बयान दे रहे हैं। शनिवार को प्रदेश सरकार में ग्रामीण विकास राज्य मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने सचिन पायलट को सीएम के लिए सबसे बेहतर चेहरा बताया।
उन्होंने दावा किया कि अशोक गहलोत का कांग्रेस अध्यक्ष बनना तय है। उनके बाद सीएम पद के लिए कांग्रेस में पायलट से बेहतर कोई चेहरा नहीं। पायलट युवा नेता हैं, वह अपने अंदाज में राजनीति करते हैं। मुझे लगता है कि वह नवरात्र में सीएम बन जाएंगे।
मंत्री गुढ़ा ने कहा, राजस्थान के नए सीएम पर अब आलाकमान को फैसला करना है। जो भी होगा उसे सभी कांग्रेसी और हम बसपा से आए छह विधायकों के साथ पार्टी को समर्थन देने वाले सभी सहयोगी उसके साथ रहेंगे। इस बार कांग्रेस सरकार ने अच्छा काम किया है।
इधर, स्वास्थ्य मंत्री परसादीलाल मीणा ने सीएम अशोक गहलोत के समर्थन का दावा किया है। उन्होंने कहा कि मैं गहलोत के साथ हूं। उनके साथ तीन बार मंत्री रह चुका हूं। हम पार्टी आलाकमान के फैसले के साथ खड़े हैं।
सचिन पायलट गुट के विधायक वेदप्रकाश सोलंकी ने इससे पहले एक ट्वीट किया था। उन्होंने कहा था, सभी साथियों से निवेदन है कि धैर्य और संयम बनाएं। सच्चाई की जीत होगी और हमारे नेता सचिन पायलट को उनकी मेहनत का फल जरूर मिलेगा।
अशोक गहलोत के मौजूदा रुख को देखते हुए कहा जा रहा है कि राजस्थान कैबिनेट में भी फेरबदल हो सकता है। गहलोत पार्टी अध्यक्ष बने तो उन्हें सीएम पद छोड़ना होगा। राहुल गुरुवार को साफ कर चुके हैं कि एक व्यक्ति एक पद का नियम सख्ती से लागू किया जाएगा।