अधिक ग्रुप हो तब उसकी एनालिसिस होती है, वही हमारा रिसर्च- डॉ. धवल मेहता

डीबी गर्ल्स कॉलेज रायपुर में रिसर्च मैथडालॉजी को बढ़ावा देने कार्यशाला जारी। देशभर से शोधार्थी एवं प्राध्यापक पहुंचे हैं।

अधिक ग्रुप हो तब उसकी एनालिसिस होती है, वही हमारा रिसर्च- डॉ. धवल मेहता

रायपुर, जनजागरुकता। रिसर्च मैथडालॉजी को बढ़ावा देने के लिए शासकीय दूधाधारी बजरंग महिला महाविद्यालय में कोर्स को प्रोत्साहित करने कार्यशाला जारी है। यहां देशभर से शोधार्थी व मार्गदर्शक भागीदारी दे रहे हैं। पंचम दिवस विषय विशेषज्ञों ने शोध की प्रवधि पर विस्तृत चर्चा की। 

महाविद्यालय की प्राचार्य ने शोधार्थियों के लिए मार्गदर्शन को उपयोगी बताया। उन्होंने कहा शोध की सम्पूर्ण प्रक्रियाओं को समझने के बाद ही शोधार्थी सही दिशा में अपने कार्य को अंजाम दे सकते हैं। 

विषय विशेषज्ञ प्राध्यापक, सूरत डॉ. धवल मेहता ने कहा कि जब ग्रुप दो से अधिक होता है तब उसकी एनालिसिस होती है, वही हमारा रिसर्च है। हमारे शोध में डाटा महत्वपूर्ण है। उससे महत्वपूर्ण हमारा हाइपोथीसिस है जिसके माध्यम से हमारा शोध पूर्ण होता है। हेमचंद यादव विश्वविद्यालय के सहायक प्राध्यापक डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव ने बताया कि शोधार्थियों को परफैक्ट रिसर्च जर्नल्स में अपने शोध पत्र को कैसे छपवाया जाए। हमारा व्यवहार रिसर्च पेपर छपवाने में अपना एक अलग महत्व रखता है। 

नकारात्मक व सकारात्मक व्यवहार शोध की संक्षिप्ति को दर्शाता है

डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव ने कहा नकारात्मक एवं सकारात्मक व्यवहार हमारे शोध पत्र की संक्षिप्ति को दर्शाता है। हमारी युवा पीढ़ी थोड़े से संघर्ष से परेशान हो जाता है। हमें शोध पत्र लिखते समय अंत तक संघर्ष करना है। कई बार असफलता के बाद ही सफलता मिलती है। उन्होंने आगे कहा जर्नल्स का सेलेक्शन कैसे करें? नकल से बचने के लिए अपने शोध पत्र की संक्षिप्ति को जर्नल्स में पहले भेज देते हैं। 

शीर्षक प्रभावी और आकर्षक हो

डॉ. श्रीवास्तव ने आगे बताया कि JIF के माध्यम से किसी जर्नल्स में कितने पेपर पब्लिश हुए ये देखा जा सकता है। रिसर्च पेपर के लिए जरूरी है शीर्षक, जो प्रभावी और आकर्षक हो। सारांश, मेथड के माध्यम से डाटा कलेक्ट किये जाते हैं। परिचय देना होता है। डिस्कशन में विचारक के डिस्कशन के अतिरिक्त शोधार्थी का नया क्या है बताना होता है। उसमें हाइपोथीसिस का मैच होना ज़रूरी है। संदर्भ हमें उसी का लेना चाहिए जो हमारे विषय से संबंधित हो। 

ऑथर वही जो विषय से संबंधित हो

डॉ. प्रशांत ने कहा एक्नॉलेजमेंट में ऑथर वही होगा जो विषय से संबंधित हो। फिगर उसी को लेना चाहिए जिसमें फ़ोटो नहीं डायग्राम सब सही हो। इस दौरान कार्यक्रम की संयोजक डॉ. उषाकिरण अग्रवाल ने विविध प्रकार के ज्ञान वर्धक एक्सरसाइज के माध्यम से प्रतिभगियों में ऊर्जा का संचार किया। विषय विशेषज्ञ का शॉल एवं श्रीफल से सह- संयोजक ने स्वागत एवं आभार व्यक्त किया।

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