निष्कासन इसलिए... अलग दल बनाने के फेर में थे धरमजीत व प्रमोद

जनता कांग्रेस के विधायक दल के नेता धर्मजीत सिंह को पार्टी ने एक्सपोज जरूर किया है लेकिन उन्हें इसका कोई सीधा नुकसान नहीं है।

निष्कासन इसलिए... अलग दल बनाने के फेर में थे धरमजीत व प्रमोद

धरमजीत और प्रमोद की विधायकी पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, वे विस के सदस्य बने रहेंगे

रायपुर, जनजागरुकता। सीधे निष्कासन की कार्रवाई कर देने से जनता कांग्रेस के विधायक दल के नेता धर्मजीत सिंह को पार्टी ने एक्सपोज जरूर किया है लेकिन उन्हें इसका कोई सीधा नुकसान नहीं है। यदि वे खुद होकर इस्तीफा देते तो उनकी विधायकी खत्म हो सकती थी लेकिन उनके निष्कासन से उनको फायदा ही हुआ है जिसके तहत वे विधानसभा के सदस्य बने रहेंगे। यानी उनकी विधायकी बरकरार रहेगी। 

जानकारी के अनुसार धर्मजीत अपने साथी विधायक प्रमोद शर्मा के साथ मिलकर अलग दल बनाने की फेर में थे। चर्चा है कि उन्होंने इसके लिए विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत से समय भी मांगा था लेकिन पार्टी के मुखिया अमित जोगी ने पहले ही निष्कासित कर यह दिखाने की कोशिश की कि पार्टी से विद्रोह ही उन्हें पूरी जानकारी है और इस तरह का विद्रोह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हालांकि पार्टी के लोगों का मानना है कि अब गिने-चुने लोग ही पार्टी में बच गए हैं, ऐसी स्थिति में इस तरह की कार्रवाई कोई मायने नहीं रखती।

3 दिन पहले विधानसभा अध्यक्ष से समय भी मांगा था

सूत्र बताते हैं कि जनता कांग्रेस के विधायक दल के मुखिया धर्मजीत सिंह ने तीन दिन पहले विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत से मुलाकात के लिए समय मांगा था। वो पार्टी के साथी विधायक प्रमोद शर्मा के साथ मिलने वाले थे। यह मुलाकात आज-कल में होने वाली थी। सूत्रों के अनुसार धर्मजीत विधायक दल को तोड़कर अलग पार्टी बनाने की मंशा को लेकर चल रहे थे। उसके बाद नई पार्टी का भाजपा में विलय कराने की रणनीति थी।

ये सब व्यूह रचना की व उनकी पार्टी तोड़ने और फिर बाद में भाजपा में विलय की मंशा की जानकारी अमित जोगी को हो गई थी। चर्चा है कि पुरन्देश्वरी से मुलाकात के मसले पर अमित जोगी की धर्मजीत से तू-तू, मैं-मैं भी हुई थी। इसके बाद उन्होंने धर्मजीत पर कार्रवाई का मन बना लिया।

चर्चा है कि अमित जोगी ने भी डॉ. महंत को फोन कर एक मिनट के लिए मिलने का समय मांगा और फिर अपनी माता डॉ. रेणु जोगी के साथ रविवार की रात मिलने भी पहुंच गए और उन्हें अचानक धर्मजीत सिंह के निष्कासन का पत्र भी दे दिया। उन्होंने अपनी पूरी योजना की भनक किसी को नहीं लगने दी।