आदिवासी आरक्षण के मुद्दे को लेकर धरने पर बैठे हैं वरिष्ठ नेता नंद कुमार साय

बता दें कि पूरे प्रदेश में आदिवासी आरक्षण को लेकर भाजपा की ओर से कहा जा रहा है कि वो आदिवासियों की हितैषी है।

आदिवासी आरक्षण के मुद्दे को लेकर धरने पर बैठे हैं वरिष्ठ नेता नंद कुमार साय

रायपुर, जनजागरुकता। छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ आदिवासी नेता, भाजपा के पूर्व सांसद व देश के राष्ट्रीय जनजाति आयोग के अध्यक्ष रहे नंदकुमार साय राजधानी में अकेले ही धरने में बैठ गए हैं।3 दिनों से देश की सबसे बड़ी पार्टी कहे जाने वाले भाजपा का नेता आंदोलनरत हैं। 

मामले में देखा जा रहा है कि उनके आंदोलन में साथ देने वाला भाजपा का कोई नजर नहीं आ रहा है। बताया गया कि प्रदेश में आदिवासी आरक्षण के मामले को लेकर धरना दे रहे हैं। 

अकेले ही रायपुर के देवेंद्र नगर चौराहे के पास बैठे साय भाजपा कार्यालय से महज कुछ मीटर की दूरी पर ही धरने पर हैं, बताया गया मगर पार्टी के किसी बड़े नेता ने साय से संपर्क नहीं किया है।

बता दें कि पूरे प्रदेश में आदिवासी आरक्षण को लेकर भाजपा की ओर से कहा जा रहा है कि वो आदिवासियों की हितैषी है। भानुप्रतापपुर का उपचुनाव भी इसी मुद्दे पर लड़ा जा रहा है, मगर राजधानी में अपने ही आदिवासी कद्दावर नेता का साथ भाजपाई नहीं दिख रहे हैं।

..पर पूछने वाला कोई नहीं- जुनेजा

आदिवासी कद्दावर नेता के धरने पर बैठने के मामले पर कांग्रेस से रायपुर उत्तर के विधायक कुलदीप जुनेजा ने कहा– इतना बड़ा नेता आज अकेला है। भाजपा वालों ने इतने जोर-शोर से लाखों रुपए फूंककर अरुण साव का जन्मदिन मनाया, पर प्रदेश के आदिवासी नेता को कोई पूछने वाला नहीं है। भाजपा कहती है कैडर वाली पार्टी भाजपा करती कुछ है कहती कुछ है।

वहां समय-समय पर पार्टी के नेता जा रहे हैं- प्रवक्ता श्रीवास्तव

इधर भाजपा के प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने इस मामले में कहा- जन्मदिन तो सभी का मनाया जाता है। मुख्यमंत्री के जन्मदिन पर तो शहर का कोई खम्भा नहीं बचा होता जहां पोस्टर न लगाया गया हो। नंदकुमार साय भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं, आरक्षण के मामले पर धरने पर बैठे हैं। समय-समय पर पार्टी के नेता वहां जा रहे हैं, अधिकतर नेता चुनाव में व्यस्त हैं इसलिए नहीं जा पा रहे हैं।

साय ने कहा मिलने आते हैं, पार्टी को जानकारी है

भाजपा नेताओं के इस धरना स्थल पर नजर नहीं आने की बात पर नंदकुमार साय ने कहा- ऐसी बात नहीं है। सभी को जानकारी है और बीच-बीच में साथी मिलने आते रहते हैं। आदिवासियों के हितों को लेकर हम सभी साथ हैं, मैंने भाजपा संगठन के प्रमुख नेताओं को जानकारी देकर ये धरना शुरू किया है।

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