मणिपुर के मुख्यमंत्री के इस्तीफे की अटकलें, राज्यपाल से मिलेंगे
मणिपुर लगातार धधक रहा है। एक माह से हिंसा की घटनाएं रूक नहीं रही है। यहां के सीएम हिंसा रोकने में नाकाम साबित हुए हैं। वहीं सीएम से नौ विधायक भी नाराज हैं जो पीएम को ज्ञापन सौंपा था।
इंफाल, जनजागरुकता डेस्क। मणिपुर में हिंसा की घटना को एक माह से ज्यादा हो गए हैं। इसे रोक पाने में मणिपुर सीएम नाकाम साबित हुए हैं। जबकि हिंसा को रोकने के लिए फोर्स भी तैनात है। इसी के चलते मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं। इसकी अटकलें तेज हो गई हैं। सीएम एन बीरेन राज्यपाल से मुलाकात करेंगे।
9 विधायकों ने पीएम को सौंपा था ज्ञापन
मणिपुर में जारी हिंसा के बीच मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। राज्य के नौ विधायकों ने भी बीते दिनों प्रधानमंत्री कार्यालय में पीएम मोदी के नाम ज्ञापन सौंपकर प्रदेश नेतृत्व पर सवाल उठाए थे। विधायकों ने दावा किया था कि मुख्यमंत्री और प्रदेश सरकार जनता के बीच अपना भरोसा खो चुके हैं। एन बीरेन सिंह पर आदिवासी विरोधी एजेंडे को बढ़ाने के आरोप लग रहे हैं।
सीएम दे सकते है इस्तीफा
मणिपुर में बीते एक माह से ज्यादा समय से हिंसा जारी है। अब खबर आ रही है मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह राज्यपाल से मुलाकात करेंगे। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि एन बीरेन सिंह इस्तीफा दे सकते हैं। एन बीरेन सिंह दोपहर को राज्यपाल अनुसुइया उइके से राजभवन में मुलाकात करेंगे।
राहुल गांधी मणिपुर दौरे पर
बता दें कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी मणिपुर दौरे पर हैं। वहां राहुल गांधी हिंसा प्रभावित लोगों से मुलाकात कर रहे हैं। राहुल गांधी भी दोपहर को राज्यपाल से मुलाकात करेंगे। ऐसे में राहुल गांधी के दौरे के बीच मणिपुर में बड़ी राजनीतिक हलचल होती दिखाई दे रही है।
सीएम बीरेन सिंह के नेतृत्व पर सवाल उठाए
बीते दिनों जब केंद्र सरकार ने मणिपुर में शांति स्थापित करने के लिए शांति समिति गठित की थी तो उसमें भी शामिल किए गए कई लोगों ने एन बीरेन सिंह के नेतृत्व के खिलाफ असंतोष जाहिर किया था और मुख्यमंत्री को शांति समिति में शामिल करने का विरोध किया था।
राज्य की कानून व्यवस्था बेपटरी
मणिपुर में मैतई समुदाय जनजातीय आरक्षण देने की मांग कर रहा है। इसके खिलाफ बीती तीन मई को हिंसा भड़की थी और अब तक इस हिंसा में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और सैंकड़ों लोग घायल हुए हैं। हजारों लोगों को हिंसा की वजह से विस्थापन झेलना पड़ा है और राज्य की कानून व्यवस्था बेपटरी हो गई है। केंद्र सरकार ने मणिपुर में जारी हिंसा पर बीते दिनों सर्वदलीय बैठक भी बुलाई थी और राजनीतिक पार्टियां भी मणिपुर हिंसा को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साध रही हैं। केंद्र सरकार की कई कोशिशों के बाद भी राज्य में शांति व्यवस्था बहाल नहीं हो पा रही है।