अन्न-जल त्यागकर अनशन पर बैठे हैं 3 संविदाकर्मी
नियमितिकरण की मांग को लेकर संविदा कर्मचारी लगातार आंदोलनरत हैं। उन्होंने कहा वेतन वृद्धि का लाभ सिर्फ चंद कर्मचारियों को मिलेगा
रायपुर, जनजागरुकता। सरकार के वादे अनुरूप नियमितिकरण की मांग को लेकर कई दिनों से आंदोलनरत कर्मचारियों को उस समय झटका लगा जब सरकार ने 27 प्रतिशत वेतन वृद्धि की। इससे कर्मचारी मायूस हो गए। लेकिन आंदोलन से हटे नहीं बल्कि डटे रहे। उनका कहना है यह हमें 2021 में मिलना था। इधर सरकार के खिलाफ कर्मचारियों का आंदोलन जारी है। अन्न-जल त्यागकर 3 संविदा कर्मचारी विगत 24 घंटे से भी अधिक समय से अनशन पर बैठे हैं।
अनशनकारी सरकार के वादे के अनुरूप नियमितिकरण के संबंध में संवाद स्थापित करने अपील कर रहे हैं, किंतु अभी तक सरकार की तरफ से कोई साकारात्मक पहल नहीं की गई है।
27 प्रतिशत वेतन वृद्धि से बड़ी संख्या में संविदा कर्मचारी वंचित रहेंगे
छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ के प्रांताध्यक्ष कौशलेश तिवारी ने कहा कि शासन द्वारा प्रदेश के संविदा कर्मचारियों के वेतन में 27 प्रतिशत की वृद्धि की गई है, जबकि वास्तव में 48 प्रतिशत होना था। इस घोषणा के लाभ से बड़ी संख्या में संविदा कर्मचारी वंचित रहेंगे। गौरतलब है कि यह वेतन वृद्धि भी वर्ष 2021 में होनी थी जोकि अब जाकर हुई है। तात्पर्य यह है कि संविदा कर्मचारियों को अभी तक किसी भी प्रकार का कोई लाभ प्रदान नहीं किया गया है।
नियमितीकरण व छंटनी नहीं करने के वादे से मुकर गई सरकार
प्रदेश के संविदा कर्मचारी दिनांक 03 जुलाई, 2023 से अनिश्चितकालीन आंदोलन पर हैं। "वर्ष 2018 के जनघोषणा पत्र में सरकार के द्वारा संविदा कर्मियों के नियमितीकरण व छंटनी नहीं किये जाने का वादा किया गया था, जो कि आज पर्यन्त तक पूरा नहीं किया गया है।"
प्रदत्त मूल सुविधाएं आज तक नहीं मिल पा रही
प्रदेश के संविदा कर्मचारियों को स्थायीकरण, (नौकरी की सुरक्षा 62 वर्ष आयु तक), वरिष्ठता का लाभ वेतन, ग्रेच्युटी, क्रमोन्नति, पदोन्नति, सामाजिक सुरक्षा, अनुकम्पा नियुक्ति एवं बुढ़ापे का साहारा पेंशन, अवकाश जैसे आदि अनिवार्य रूप से प्रदत्त मूल सुविधाएं आज पर्यन्त तक नही मिल पा रही है।